दशहरा की कहानी | Dusshera Ki Kahani
दशहरा की कहानी | Dusshera Ki Kahani : दशहरा हिन्दुओ का एक प्रमुख त्यौहार हैं इसे हिन्दू धर्म के लोग बहुत ही धूम धाम से मनाते हैं, इस त्यौहार के कुछ समय बाद दिवाली मनाई जाती हैं क्यूंकि यही वो समय था जब श्री राम अपने पत्नी और अपने भाई के साथ अपनी जन नगरी अयोध्या में लौटे थे. कृष्णा पक्ष की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता हैं. भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था. 14 वर्ष के वनवास के उपरांत लंकनारेश रावण राम चन्द्र जी की पत्नी का अपहरण कर लंका ले जा रहे थे.
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दशहरा की कहानी | Dusshera Ki Kahani : भगवान् श्री राम ने अपनी पत्नी को रावण के चुंगुल से मुक्त कराने हेतु भाई लक्षमण, वानर हनुमान एवं वानरों की सेना के साथ मिल कर नौ दिन तक रावण के साथ युद्ध किया और दशमी के दिन रावण का वध कर दिया अंत: सीता को बंधन से मुक्त करा लिया गया. ऐसा भी कहा जाता हैं की क्यूंकि रावण बहुत ही बुद्धिमान ब्राह्मण था और वह ये बात अच्छी तरह से जानता था की एक ईश्वर के हाथो मरने से सीधा उसे मोक्ष की प्राप्ति होती इसी कारणवश उसने ये पूरी गाथा रची थी.
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दशहरा की कहानी | Dusshera Ki Kahani : एक कथा अनुसार ये भी कहा जाता हैं की सीता रावण और मंदोदरी की पुत्री थी. रावण केवल अपनी मोक्ष प्राप्ति हेतु उन्हें अपने साथ लंका चुरा कर लेकर गए थे. परन्तु कहानी चाहे जो भी हो इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता हैं. इसीलिए यह दशमी विजय दशमी के नाम से भी जानी जाती हैं. आप सभी को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाये. हम आशा करते हैं आपका दिन मंगलमय बीतेगा. जय श्री राम!!! 🙂
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