अहंकारी राजकुमारी विद्योत्तमा : उज्जैन की राजकुमारी विद्योत्तमा को अपने ज्ञान पर बड़ा अहंकार था। उसने घोषणा कर रखी थी कि जो भी व्यक्ति उसे शास्त्रार्थ में पराजित कर देगा, वह उसी के साथ विवाह करेगी। उज्जैन और आस-पास के विद्वानों को यह शर्त अपना अपमान लगती थी। इसलिए वे राजकुमारी को नीचा दिखाने के प्रयत्न में लगे रहते थे।
वे तीनों विद्वान निपट मूर्ख काली को साफ-सुथरे कपड़े पहनाकर राजदरबार में ले आए और राजकुमारी को शास्त्रार्थ के लिए बुलवा भेजा।
राजकुमारी ने दरबार में अपना स्थान ग्रहण किया तो काली को उसके सामने बैठा दिया गया और उनमें से एक ब्राह्मण विद्वान ने कहा, “राजकुमारी जी !कला शिरोमणि कवि कालिदास जी का आज मौन व्रत है। आप संकेतों द्वारा ही इनसे प्रश्न पूछ सकती हैं।”
राजकुमारी ने कहा, ”ठीक है, हम संकेतों द्वारा ही प्रश्न पूछेगे।”